जालंधर, ENS: सिविल अस्पताल में बने सिवल सर्जन की बिल्डिंग को 16 मई तक खाली करने के आदेश जारी हो चुके है। बताया जा रहा हैकि इस बिल्डिंग को गिराकर दोबारा से नई बिल्डिंग बनाई जाएंगी। जिसमें सरकार द्वारा क्रिटिकल केयर सेंटर बनाया जाएगा। लेकिन क्रिटिकल केयर सेंटर बनाए जाने से पहले कर्मियों द्वारा सरकार का विरोध होना शुरू हो गया है। वहीं इस मामले को लेकर कर्मी दिनेश ने कहा कि क्रिटिकल केयर सेंटर बनने से उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि लेकिन उनके रहने के लिए भी जगह बनाई जाए। कर्मी ने कहा कि वह कहां पर बैठकर काम करेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि उन्हें सिविल सर्जन के दफ्तर वाली बिल्डिंग को नोडल अफसर के खाली करने के बारे में पता चला है।
इस दौरान कर्मी ने कहा कि यह कार्रवाई के लिए चंडीगढ़ के अफसर, डिप्टी कमिश्नर सहित कई अधिकारियों की ओर से कहा गया है। कर्मी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि इस नोटिस से पहले वृद्ध आश्रम खोलने के लिए कहा गया था। जिसमें उन्होंने कहा कि इस बिल्डिंग को किराये पर देकर उसका किराया लिया जाएगा। वहीं खाली करने के नोटिस को लेकर कर्मी ने कहाकि नोटिस कई बार मिल चुका है। उन्होंने कहा कि जब नोटिस मिलता उसमें जगह का हवाला दिया जाता है। कर्मी ने कहा कि इस नोटिस के सिलसिले को 2 साल हो गए है। कर्मी ने कहा कि उन्हें भी कोई दफ्तर दिया जाए जिस पर वह बैठकर काम कर सके। कर्मी ने कहाकि उन्हें सिविल सर्जन कहा कि कल तक यानी 16 मई तक बिल्डिंग को खाली किया जाए।
कर्मी ने कहा कि अधिकारियों की वीडियो काफ्रेंस के जरिए मीटिंग में फैसला लिया गया है। जिसके बाद अब सभी कर्मियों ने धरना लगा दिया है और उन्होंने कहाकि वह इस बिल्डिंग को खाली नहीं करेंगे। कर्मी ने कहा कि सिविल अस्पताल में बने डी डिक्शन सेंटर में उन्हें 2 से 3 कमरें दिए जा रहे है। वहीं पीपी यूनिट में 2 से 3 कमरे दिए जा रहे है। इसी तरह से जच्चा-बच्चा वार्ड में 2 से 3 कमरों सहित एक स्टोर देने के लिए कहा जा रहा है। कर्मी ने कहा कि जिस पीपी यूनिट के कमरों में उन्हें भेजा जा रहा है, वहां पर मौजूद कर्मियों को शिफ्ट करने की भी कोई सुविधा नहीं बनाई गई है। जिसके चलते वह कर्मी भी उनके साथ धरने पर बैठ गए है। वहीं प्रधान डिंपल ने कहा कि सिविल सर्जन दफ्तर को यहीं पर रखा जो यह सबसे बढ़ियां कदम होगा। उन्होंने कहा कि इस बिल्डिंग को गिराकर उन्हें सिविल अस्पताल में अलग-अलग जगह पर कमरे दिए जा रहे है, जोकि गलत है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि उनके दफ्तर को सिविल अस्तपाल के साथ ही रखा जाए। इस मामले में कर्मियों ने विधायक रमन अरोड़ा को लिखित पत्र भी जारी किया है।